कोरोना से डरना नहीं है, लड़ना है हराना है : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री का फेसबुक लाइव से जनता को संबोधन. विशेष संवाददाता भोपाल
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उन्होंने जब मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश का कार्य संभाला, तब प्रदेश में कोरोना से लड़ने की कोई व्यवस्था नहीं थी। एक लैब में मात्र 7 टेस्ट प्रतिदिन होते थे। हमने युद्ध-स्तर पर कोरोना की पुख्ता व्यवस्थाएँ कीं। हमारा सारा अमला कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में जी-जान से लग गया। अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी लगातार घट रही है तथा बड़ी संख्या में मरीज ठीक होकर अपने घरों को वापस जा रहे हैं। कल ही 45 मरीज चिरायु अस्पताल से पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोरोना से डरना नहीं है, सावधान रहना है, लड़ना है और इसे हराना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हम शीघ्र ही इस पर पूर्ण रूप से विजय प्राप्त करेंगे। श्री चौहान आज मंत्रालय से फेसबुक लाइव से प्रदेश की जनता को संबोधित कर रहे थे।
कोरोना से बचाव एवं इलाज की पुख्ता व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के आधे जिले कोरोना के प्रकोप से पूरी तरह मुक्त हैं। प्रदेश के 08 जिलों शिवपुरी, मुरैना, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, आगर-मालवा, शाजापुर, मंदसौर एवं बैतूल में पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से एक भी नया संक्रमण केस नहीं आया है। प्रदेश में PPE किट्स, टेस्टिंग किट्स, फेस मास्क, टेबलेट्स, ऑक्सिजन सिलेंडर्स, वेंटिलेटर्स, ICU बेड्स, आइसोलेशन बेड्स आदि की पर्याप्त उपलब्धता है। सरकारी और निजी चिकित्सालय औ चिकित्सक/मेडिकल स्टाफ सभी रात-दिन मरीजों की देखभाल में लगे हैं। प्रदेश में कोरोना की प्रतिदिन टैस्टिंग क्षमता बढ़कर 2000 हो चुकी है ।
हल्के-फुल्के वातावरण में इलाज
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम कोविड अस्पतालों में मरीजों का हल्के-फुल्के माहौल में इलाज कर रहे हैं, जिससे उन्हें बोझ महसूस न हो। इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि उनका मनोबल बढ़े और वे घबराएं नहीं।
गरीबों के कल्याण की संबल योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में संबल योजना का क्रियान्वयन पुन: प्रारंभ कर सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित न रहे। इस योजना के अंतर्गत प्रसूति सहायता, शिक्षा प्रोत्साहन, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, व्यवसाय के लिए सहायता, बिजली के बिलों पर अनुदान, मृत्यु एवं स्थाई दिव्यांगता पर सहायता एवं अंत्येष्टी सहायता सम्मिलित हैं।
गरीबों के लिए पर्याप्त राशन एवं भोजन की व्यवस्था
हमने प्रदेश के गरीब एवं जरूरतमंदों के लिए पर्याप्त राशन एवं भोजन की व्यवस्था की है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सभी हितग्राहियों को मई, 2020 तक के राशन का अग्रिम प्रदाय करवाया गया। इसके तहत 1.16 करोड़ परिवारों को 7.71 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न प्रदाय किया गया है। मध्यप्रदेश के राशन कार्डधारियों को भारत सरकार के पैकेज अनुसार 03 माह में से अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह एवं मई माह के प्रथम सप्ताह, इस प्रकार 02 माह का प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 05 किलो खाद्यान्न एवं प्रतिमाह प्रति परिवार 01 किलो दाल का निःशुल्क वितरण भी सुनिश्चित किया जा रहा है। तीसरे माह का खाद्यान्न जून माह में वितरित किया जाएगा। प्रदेश के ऐसे 32 लाख से अधिक हितग्राही, जिनके पास राशन कार्ड नहीं
दिव्यांग बुजुर्गों के लिए 2 माह की पेंशन
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिव्यांग, बुजुर्गों आदि को दो माह की पेंशन भेज दी गई है। प्रदेश में सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित पेंशन के रूप में 46 लाख हितग्राहियों के खातों में 02 माह की पेंशन राशि लगभग रुपये 562 करोड़ अग्रिम जमा करायी है ।
निर्माण श्रमिकों एवं मजदूरों को सहायता
प्रदेश के संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत 08 लाख 85 हजार मजदूरों के खातों में प्रारंभ में 1000 रुपये की सहायता राशि भेज दी गई है। अब उन्हें 1000 रुपये की राशि अतिरिक्त रूप से उपलब्ध जा रही है, जो अगले हफ्ते तक उनके खातों में पहुँच जायेगी। मध्यप्रदेश में लॉकडाउन के कारण फंसे अन्य 22 राज्यों के 7000 प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रति मजदूर 1000 रुपये देने का निर्णय लिया गया है।
पिछड़े वर्गों को सहायता
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की अति पिछड़ी सहरिया, बैगा एवं भारिया जनजाति के लोगों के खातों में 02 माह की अग्रिम सहायता राशि लगभग 2.29 लाख और महिलाओं को 45 करोड़ रुपये उपलब्ध कराई गयी है। ग्राम पंचायतों में प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य निराश्रितों एवं असहायों के भोजन/आश्रय की व्यवस्था के लिए 70 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना के माध्यम से मध्यप्रदेश के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को, जो अन्य राज्यों में फंसे हैं, उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उनके बैंक खाते में एक-एक हजार रूपये भेजे जा रहे हैं और अब तक 5939 श्रमिकों के खातों में 59 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है ।
आदिवासियों को वनोपज का अच्छा मूल्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आदिवासियों को वनोपज का अच्छा मूल्य दिलवायगी। लघु वनोपज की भी पूरी चिंता सरकार को है। इसलिए प्रदेश में 25 अप्रैल से तेंदूपत्ता तथा अन्य लघु वनोपज की खरीद भी प्रारंभ की जा रही है। तेंदूपत्ता की क्रय दर इस बार 2500 रूपये प्रति मानक बोरा निर्धारित की गयी है। शेष सभी लघु वनोपज के क्रय के लिए भी पिछले वर्ष से अधिक क्रय दरें निर्धरित कर दी गयी है। अचार, गुठली 130 रूपये प्रति किलो, पलाश लाख 150 रूपये प्रति किलो, कुसुम लाख 230 रूपये प्रति किलो, हर्रा 20 रुपये प्रति किलो, बहेड़ा 25 रुपये प्रति किलो, बेल गूदा 30 रूपये प्रति किलो,चकोड बीज 20 रूपये प्रति किलो, सेहद 225 रूपये प्रति किलो, महुआ फूल 35 रूपये प्रति किलो, महुआ बीज 35 रूपये प्रति किलो, करंज बीज 40 रूपये प्रति किलो,नीम बीज 30 रूपये प्रति किलो,साल बीज 20 रूपये प्रति किलो एवं नागरमोथा की क्रय दर 35 रूपये प्रति किलो निर्धारित की गयी है ।
रोजगार के पर्याप्त अवसर दिलवाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में भी सरकार रोजगार के पर्याप्त अवसर दिलवायगी। प्रदेश के सभी गैर-संक्रमित क्षेत्रों में निर्माण कार्य, उद्योग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियाँ 20 अप्रैल से प्रारंभ कर दी गयी हैं, जिनके विषय में भारत सरकार द्वारा अनुमति प्रदान की गयी है । मध्यप्रदेश में कारखानों/उद्योगों में श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 08 घंटे के स्थान पर प्रति पाली 12 घंटे कार्य करने की अनुमति प्रदान की गयी है। इस अतिरिक्त अवधि में श्रमिकों को नियमानुसार ओवरटाइम की पात्रता होगी । श्रमिकों से 06 दिवस में 72 घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जाएगा । ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अंतर्गत रोजगारमूलक कार्य 20 अप्रैल 2020 से प्रारंभ कर दिए गए हैं । इसके अतिरिक्त कृषि एवं गैर – कृषि क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं का चिन्हांकन कर शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके और उनकी आजीविका पर किसी प्रकार का संकट उत्पन्न नहीं हो ।
किसानों के खातों में आएगी फसल बीमा की राशि
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 के खरीफ एवं रबी फसलों के लिए फसल बीमा राशि के रूप में 2200 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया था, जिससे किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिल सका। सरकार द्वारा मार्च 2020 में ही बीमा कंपनियों को 2200 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। अब शीघ्र ही प्रदेश के 15 लाख किसानों को 2900 करोड़ रूपये की बीमा राशि प्राप्त होगी
शून्य प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा फसल ऋण
सरकार द्वारा शून्य ब्याज दर पर किसानों को ऋण दिए जाने की योजना का वर्ष 2019-20 के लिए क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी प्रदेश के किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं और अन्य फसलों की खरीदी
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने 15 अप्रैल 2020 से उपार्जन कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। किसान को तीन प्रकार से अपनी फसल बेचने की सुविधा दी गयी है – 1. उपार्जन केंद्र से 2. मंडी द्वारा अधिकृत प्राइवेट खरीद केन्द्रों से और 3. मंडी में पंजीकृत व्यापारी को सौदा पत्रक के माध्यम से ग्राम स्तर पर। अब तक 02 लाख किसानों से 7.8 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदा जा चुका है।